मेरी मेरे दिल से
आज बात हुई कुछ यूँ
मैं ने पूछा दिल से
बता आखिर क्यूँ
तू है इतना खुश
जब कि मैं हूं उदास
क्या हुआ क्या तूने
पा लिया कुछ खास!!
दिल बोला इस खुशी का
बस इतना सा है राज़
अब कुछ बदल सा गया है
मेरे जीने का अंदाज़
जो आंसू दे कर चले गए
उन्हें सोचना ही छोड़ दिया
कोई है ऐसा जिसने मुझे
खुशी की राह पर मोड़ दिया
मैं ने पूछा ‘कौन है वो’
मुझको भी दो नाम बता
दिल बोला मत पूछ मुझे
तू उस खुशी का नाम पता
पहली बार जो कहीँ तुझे
इस क़दर खुशी मिल जाएगी
तो दिल को तेरे तेरी
खुद की नज़र लग जाएगी
मैं ने बोला, “ऐसा भी क्या ”
कुछ तो अब इशारा दो
दिल बोला “जा देख ले
जो प्यार से भी प्यारा हो
जो ख्वाब से भी हसीन
हकीकत से भी सच्चा हो
समझदार एक बुज़ुर्ग सा
मासूमियत में इक बच्चा हो”
मैं ने पूछा “क्या ये कोई
फ़रिश्ता है आया जन्नत से”
दिल बोला “है तो इक इंसां
बस मुझे मिल गया किस्मत से”
Lockdown ने जब दूर किया
दूर रहने को मजबूर किया
ग़म ने जब दिल को चूर किया
उसी ग़म को कस के निचोड़ कर
दिल के टुकड़ों को जोड़कर
सब नियम तोड़ मरोड़ कर
देखो, मैं ने ये कमाल किया
काले हालात को लाल किया
अपनी खुशी को बहाल किया
उसको इक आवाज़ लगा कर
झट से अपने पास बुला कर
रख लिया हथेली पर सजा कर
फिर कुछ ऐसे उसे प्यार किया
बस जी भर कर दीदार किया
मीलों का फ़ासला यूँ पार किया
वो phone में था तो क्या हुआ
इक अरसे से जो मिलना न हुआ
प्यार को तो होना था, हुआ
बन्धन तो इश्क का चलन नहीं है
मुलाकात का मोहताज ये मिलन नहीं है
तन होगा quarantine, मन नहीं है